सीएम योगी बोले- गुरुकुल परंपरा छोड़ने से देश के उच्च शिक्षण संस्थान बने अराजकता का अड्डा

सीएम योगी बोले- गुरुकुल परंपरा छोड़ने से देश के उच्च शिक्षण संस्थान बने अराजकता का अड्डा


चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने कहा- एक संत लोककल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करता है। स्वामी रामभद्राचार्य ने देश व दुनिया के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए इस विवि की स्थापना कर उनमें एक नया ओज व तेज भरने का सुखद प्रयास किया है। उन्होंने कहा- यदि गुरुकुल परंपरा को देश के उच्च शिक्षण संस्थान कायम रखते तो शायद अराजकता का अड्डा नहीं बनते। नर को नारायण बनाने की प्रक्रिया भारत के गुरुकुलों से निकलती है।




43वें हिंदी सम्मान समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य को साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा। सम्मान में सीएम ने उन्हें दो लाख रूपए की धनराशि भी दी। सीएम यहां जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। साहित्य साधना के लिए सीएम ने स्वामी रामभद्राचार्य की तारीफ की। कहा- उनका मार्गदर्शन व योगदान अनंतकाल तक मिलता रहे, यही कामना करता हूं। उन्होंने यहां नवनिर्मित अष्टवक्र सभागार का लोकार्पण किया। समारोह में 923 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई।




सीएम योगी ने कहा- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को यहां आना था, लेकिन दिल्ली में मौसम बहुत खराब है। ऐसी स्थिति नहीं थी कि हवाई जहाज उड़ सके। इस कारण वे इस समारोह में नहीं आ पाए। मैं गृहमंत्री की तरफ से उपाधि धारकों को बधाई देता हूं। कहा- हर कालखंड में ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अक्षम होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और इतिहास लिखा है। सूरदास की कृतियों से कौन अभिभूत नहीं होता है। अष्टवक्र खुद एक ऋषि थे।


सीएम ने कहा- सत्य व धर्म से नहीं हटना, कुशल वक्तव्य करना, माता व पिता को देव समझना, आचार्य व अतिथि देवो भव की सोच गुरुकुलों में होती है। यह सीख शिक्षण संस्थानों और महाविद्यालयों में दी जानी चाहिए। दिव्यांग विवि से दूसरे शिक्षण संस्थानों को सीख लेनी चाहिए। कहा कि मनुष्य निर्माण, नर को नारायण बनाने की प्रकिया जगद्गुरु ने शुरू की है। सीएम ने कहा कि हर दो माह में जगद्गुरु रामजन्म भूमि के फैसले को पूछते रहे। समाज में सब अपने लिए सोच रहे हैं पर राम मंदिर को पूछने वाले सिर्फ जगदगुरु रामभद्राचार्य ही हैं। हमने हमेशा मंदिर बनने की बात कही। कोर्ट ने अयोध्या में फैसला दिया। अब राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।



सीएम ने कहा कि पहले विकलांग अब मोदी जी ने उसे दिव्यांग की संज्ञा दी। प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में नौकरी की अनिवार्यता दी। रैंप, उपकरण, आर्थिक स्वावलंबन दे रहे हैं। यही प्रदेश स्तर पर हो रहा है। दिव्यांगजनों के पेंशन बढ़ाने पर काम हुआ। इस विवि को दिव्यांगजन कल्याण विभाग से जोड़कर आर्थिक सहयोग करने की व्यवस्था हो रही है। राम मंदिर की चिंता समाप्त तो यहां के विवि की चिंताएं खत्म होंगी और बेहतरी आएगी।