टीचर इसरो थीम पर स्कूल करना चाहती थी डिजाइन, बच्चों ने कहा- हम ट्रेन में कभी नहीं बैठे तो हुबहू वैसे ही संवारा

टीचर इसरो थीम पर स्कूल करना चाहती थी डिजाइन, बच्चों ने कहा- हम ट्रेन में कभी नहीं बैठे तो हुबहू वैसे ही संवारा


संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में मंझरिया प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने नवाचर की अनूठी मिसाल कायम की है। अनीता स्कूल की इमारत को इसरो की थीम पर ढालना चाहती थीं, लेकिन बच्चों ने कहा कि अब तक उन्होंने कभी ट्रेन नहीं देखा है। वे अभी तक ट्रेन में नहीं बैठे हैं। बच्चों की खुशी के लिए स्कूल को रेलवे स्टेशन, ट्रेन के इंजन व बोगियों के रूप में संवारा गया है। अनीता ने यह सबकुछ बिना किसी सरकारी बजट के खुद की कमाई से की है। अनीता के इस कार्य में पति ने भी पूरा सहयोग किया। स्कूल को स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन नाम दिया गया है।


फिल्म से मिली प्रेरणा
अनीता सिंह ने कहा- मुझे ये प्रेरणा बॉलीवुड फिल्म (की एंड का) से मिली थी। इस स्कूल को मैं इसरो के रूप में ढालना चाहती थी, लेकिन जब स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें ट्रेन अच्छी लगती है और वो अभीतक ट्रेन में नही बैठे हैं। इसलिए, बच्चों की खुशी को देखते हुए उन्होंने इस स्कूल को एक ट्रेन की शक्ल दिया और इसका नाम स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन रखा। कहा- जिन बच्चों को पढ़ाने से हमें पैसे मिलते हैं। अगर उन पैसों को उन बच्चों की खुशी के लिए, उन पर खर्च किया जाए, तो एक अच्छा माहौल बनेगा।


अब बच्चों का बस में बैठने की मंशा
इस स्कूल में बच्चे खुशी-खुशी 'ट्रेन' स्कूली में आते हैं। स्कूल को एक ट्रेन की तरह डिजाइन किया गया है और विभिन्न बोगियां कक्षाओं के रूप में काम करती हैं। बोगियों का नाम रानी लक्ष्मीबाई जैसी ऐतिहासिक हस्तियों के नाम पर रखा गया है। शिक्षक दीपक रस्तोगी ने कहा कि बच्चे अब बस के आकार की कक्षा चाहते हैं। हम कोशिश करेंगे और इस सपने को भी महसूस करेंगे।


बच्चों को मिल रहा स्वच्छ पानी
टीचर अनीता सिंह ने बच्चों के सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूल में मिनी आरओ मशीन भी खुद के पैसे से लगा रखी है। इसी पानी को स्कूल के सभी बच्चे पीते हैं।


छात्रा प्रतिभा ने कहा- अपने घर से यह कहकर निकलते हैं कि वह ट्रेन में सफर करने के साथ ही स्कूल में पढ़ाई करते हैं। जिससे उन्हें खुशी मिलती है और उनकी मैडम के द्वारा स्कूल को बनाई गई ट्रेन सभी को पसंद आ रही है। क्योंकि वह कभी ट्रेन मैं नहीं बैठी थी, लेकिन उनकी टीचर ने इस स्कूल को ट्रेन बनाकर उनकी मुराद पूरी कर दी।


डीएम ने प्रयास को सराहा
डीएम रवीश गुप्ता ने कहा- सहायक अध्यापिका अनीता सिंह द्वारा किया गया यह एक अच्छा प्रयास है। लोगों को सीखने की जरूरत है। अनीता ने स्कूल को स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाकर, स्वच्छ भारत मिशन में अपना अहम योगदान देने की कोशिश की है।