विलुप्ति के कगार पर पहुंचे गिद्धों का संरक्षण करेगी यूपी सरकार, बनेगा जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र

विलुप्ति के कगार पर पहुंचे गिद्धों का संरक्षण करेगी यूपी सरकार, बनेगा जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र


महाराजगंज। उत्तर प्रदेश सरकार ने विलुप्ति के कगार पर पहुंचे गिद्धों के संरक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उनकी संख्या बढ़ाने को लेकर महराजगंज में जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है। गोरखपुर वन प्रभाग में 5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में यह केंद्र स्थापित होगा। संरक्षण व प्रजनन केंद्र से संबंधित सर्वेक्षण का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।


प्रधान मुख्य वन संरक्षक के मुताबिक, यह केंद्र हरियाणा के पिंजौर में स्थापित देश के पहले जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए महराजगंज की तहसील फरेंदा के गांव भारी-वैसी का चयन किया गया है। इसकी स्थापना वन्यजीव अनुसंधान संगठन और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी साझा तौर पर करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) ने इस केंद्र की डीपीआर तैयार की है। कैंपा योजना के तहत धन की व्यवस्था के लिए डीपीआर शासन को भेज दी गई है।


महाराजगंज वन प्रभाग के मधवलिया रेंज में पिछले साल अगस्त माह में 100 से अधिक गिद्ध देखे गए थे। प्रदेश सरकार की ओर से स्थापित गो-सदन के पास भी यह झुंड दिखा था। गो-सदन में निर्वासित पशु रखे जाते हैं, जो वृद्ध होने के कारण जल्दी ही मर जाते हैं। मृत पशुओं के मिलने से यहां गिद्धों का दिखना भी स्वभाविक है। इसीलिए भारी वैसी गांव का चयन किया गया है। वर्ष 2013-14 की गणना के अनुसार 13 जिलों में करीब 900 गिद्ध पाए गए थे।